नई दिल्ली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग का व्यवसायिकरण नहीं करने का आह्वान करते हुए रविवार को कहा कि यह कोई कमोडिटी नहीं है और इस पर पूरी दुनिया का समान अधिकार है।
प्रधानमंत्री ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर समग्र स्वास्थ्य के लिए आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत करते हुए कहा कि योग दुनिया को जोड़ता है और इसमें सबको एक दूसरे के नजदीक लाने की ताकत है।
उन्होंने कहा कि योग भेदभाव की परिधि से बाहर की ऐसी जीवन पद्धति है जिसमें शांत तथा सशक्त मस्तिष्क का निर्माण होता है और समाज अनुशासित तथा निरोग बनाता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि तपस्वियों की इस महान जीवन पद्धति का व्यवसायीकरण कभी कोई नहीं करेगा।
उन्होंने योग को विश्व शांति के लिए एक ऐसी जीवन शैली बताया जिसके अभ्यास से मस्तिष्क् में नयी चेतना विकसति होती है जिससे मानव में भेदभाव, कटुता और ङ्क्षहसा का भाव समाप्त हो जाता है। उनका कहना था कि योग की क्रियाओं को संपादन करने के बाद और मनुष्य के भीतर साहसी और विशिष्ट होने का भाव जागृत होता है।
योग दिवस पर 10 और 100 रूपये के स्मारक सिक्के जारी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज प्रथम अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर यहां 10 और 100 रुपये के स्मारक सिक्के और विषेश स्मारिका डाक टिकट जारी किए। मोदी ने समग्र स्वास्थ्य के लिए योग पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ करने के बाद वित्त मंत्रालय द्वारा तैयार सिक्कों का विमोचन किया।
इसके बाद उन्होंने संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत कार्यरत डाक विभाग द्वारा पांच रुपये मूल्य के स्मारक डाक टिकट जारी किए। सिक्के पर एक ओर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का प्रतीक चिन्ह और दूसरी और उसका मूल्य अंकित है।
राजपथ पर 35 मिनट में 35 योगासन
राजपथ पर रविवार को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक योग सत्र में प्रतिभागियों ने 35 मिनट में 35 योगासन किए। अधिकारियों ने कहा कि आयुष मंत्रालय द्वारा तय योग प्रोटोकॉल के अनुसार, योग सत्र में प्राणायाम और ध्यान (35 मिनट) सहित अन्य व्यायाम शामिल रहे।
विशाल योग कार्यक्रम एक प्रार्थना और शरीर को लचीला बनाने के हल्के-फुल्के व्यायामों के साथ शुरू हुआ। इस दौरान ताड़ासन, वक्रासन, भद्रासन और भुजंगासन सहित अन्य योगासन करवाए गए।
Article Courtesy :rajasthanpatrika.patrika.com
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